अन्वयः
इति ह स्म आह भगवान् आत्रेयः।
शब्दार्थ
इति = इस प्रकार / इस प्रकार कहकर
ह = निश्चयपूर्वक (बलप्रदर्शन हेतु पादपूरक शब्द)
स्म = स्मरणपूर्वक / पूर्वकाल संकेतक (भूतकाल का बोध कराता है)
आह = कहा (भूतकालिक क्रिया)
भगवान् = पूर्ण ज्ञान, ऐश्वर्य, शक्ति आदि से युक्त महान व्यक्ति
आत्रेयः = आत्रेय (ऋषि का नाम, चरक संहिता के उपदेशक)
सारांश
इस प्रकार भगवान् आत्रेय ने कहा। यहाँ बताया गया है कि जो ज्ञान अभी प्रस्तुत किया जा रहा है वह आत्रेय मुनि जैसे महान आयुर्वेदाचार्य द्वारा कहा गया है।
Thus indeed spoke the God Atreya.
